रेंकी के
चरण
प्रथम चरण (रेंकी 1st डिग्री) -: यह रेंकी का बेसिक कोर्स हैं। रेंकी मास्टर द्वारा
ब्रह्मांडीय ऊर्जा को शक्तिपात के द्वारा शरीर में संचारित किया जाता हैं। रेंकी क्या हैं। इतिहास, रेंकी के स्थान, मन को
स्थिर करने की विधि, रेंकी सिद्धांत, शरीर के सभी 26 बिंदुओं पर ऊर्जा को
लेने का तरीका बताया जाता हैं।
भौतिक शरीर की रुकावट को खोल कर ऊर्जा का संचरण किया जाता हैं। और फिर 21 दिन तक आपको अभ्यास करना होता हैं। इस अभ्यास के दौरान आने वाली बाधाओं का
समाधान किया जाता हैं। तथा आपके अनुभव के आधार पर जब यह पता लग जाता हैं। कि अब आप
ब्रह्मांडीय ऊर्जा को अवशोषित कर पा रहे हैं और इसे हाथों के द्वारा आगे दे पा रहे
हैं। तब द्वितीय डिग्री लेने की इजाजत दी जाती हैं।
द्वितीय चरण (रेंकी 2nd डिग्री) -:
रहस्यमय मंत्र एवं सिंबल दिए जाते हैं। जिनके द्वारा हम
दूर बैठे व्यक्तियों को भी रेंकी भेज सकते
हैं। और सभी चक्रो पर विशेष शक्तिपात किया जाता हैं।
चक्रों का संतुलन करना सिखाया जाता हैं। रेंकी बॉक्स बनाना एवम सुदर्शन चक्र के निर्माण की क्रिया
दी जाती हैं। इससे आप अपनी इच्छाएं पूरी करने लगते हैं। दूसरों को स्वस्थ करने
लगते हैं। सभी चक्रों का के बारे में बताया जाता
हैं। किस किस चक्र से क्या क्या लाभ होंगे और प्रत्येक चक्र को बिना स्पर्स
किए कैसे ऊर्जा देते हैं सिखाया जाता हैं। इसमें आपको तीन सिंबल दिए जाते हैं एक
पावर बढ़ाने के लिए, दूसरा रक्षा के लिए, तीसरा दुरस्त हिलिंग के लिए, इसमें ऊर्जा
पहले से 4 गुना हो जाती हैं।
कंपनी भी बढ़ जाता हैं।
तृतीय चरण (रेंकी 3rd डिग्री) -:
अत्यंत शक्तिशाली सिंबल दिया जाता हैं। आप सामने वाले की सभी इच्छाएं पूरी कर सकते
हैं। साइकिक हिलिंग उपचार, एवम कुछ मंत्र व एक सिंबल दिया जाता हैं। जिससे ऊर्जा
बहुत तेजी से ली एवम दी जा सकती हैं। आप हर प्रकार के मरीज का इलाज करने में सक्षम
हो जाते हैं। मास्टर बन जाते हैं। लोगों को रेंकी 1st डिग्री एवं रेंकी 2nd डिग्री
सिखा सकते हैं। आज्ञा चक्र के द्वारा ब्रहमांड में प्रवेश कराया जाता हैं।
करुणा साधना को बताया जाता हैं। इसमें आप
सभी पेड़ पौधों से ऊर्जा लेने लगते हैं। सभी के प्रति प्रेम को बढ़ावा मिलता हैं।
सामने वाला आपसे प्रेम करने लगता हैं। और आप उससे प्रेम करने लगते हैं। आपका हृदय
करुणा से भरने लगता हैं। आप सब पर दया करने लगते हैं।
तृतीय
चरण (रेंकी 3rd डिग्री) में आपको कुछ अन्य सिंबल भी दिए जाते हैं। जिससे आप और
बहुत सी जरूरतें अपनी व दूसरों की पूरी कर पाते हैं।
ग्रैंड मास्टर -: इसमें मास्टर कैसे बनाते हैं।
परमानंद के बिंदु को बताया जाता हैं। जहां आपको फिर कुछ पाना बाकी नहीं बचता हैं।
आप पूर्ण संतुष्ट हो जाते हैं। आप समाधि का आनंद लेते हैं। और संसार की सत्यता से
रूबरू होने लगते हैं। प्रकृति की मोह माया से मुक्ति मिल जाती हैं। प्रकृति की
व्यवस्था को समझने लगते हैं आपके सामने सारे रहस्य खुलने लगते हैं।
Kalpant Healing Center
Dr J.P Verma (Swami Jagteswer Anand
Ji)
(Md-Acu, BPT, C.Y.Ed, Reiki Grand
Master, NDDY & Md Spiritual Healing)
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