Thursday, 8 February 2018

प्राकृतिक चिकित्सा का आधुनिकरण

 प्राकृतिक चिकित्सा का आधुनिकरण

ईशा से कई सौ वर्ष पूर्व हिपोक्रेटीज को प्राकृतिक चिकित्सा का जनक माना जाता है। वह रोगियों को सूर्य चिकित्सा देते थे। 18 वी शताब्दी में प्राकृतिक चिकित्सा का आधुनिकरण होने लगा था। संसार के विद्वानों ने महसूस किया कि एलोपैथिक चिकित्सा से रोंग खत्म नहीं होता बल्कि शरीर दोषो से भर जाता है। ओर यह महंगी भी बहुत है। जिससे गरीब मनुष्य बिना उपचार के अपना जीवन समाप्त कर देते हैं। उनके लिए प्राकृतिक चिकित्सा वरदान स्वरुप है। और फिर बहुत से डॉक्टरों ने एलोपैथिक के प्रति आवाज उठाई और लोगों को बताया और कि प्राकृतिक चिकित्सा ही सर्वोत्तम चिकित्सा है। विनसेंज प्रिस्निज ने जर्मन में प्राकृतिक चिकित्सा का आंदोलन शुरु किया, इसलिए इन्हें प्राकृतिक चिकित्सा का जनक माना जाता है। फादर नीप ने जल चिकित्सा पर एक अति उत्तम पुस्तक My Water Cure के नाम से लिखी जो आज भी व्यापक रूप से पढ़ी जाती है। फादर नीप, लुई कुने, व विनसेंज प्रिस्निज ने जल चिकित्सा का प्रसार प्रचार किया लुई कुने ने मेहन स्नान, कटिस्नान व वाष्प स्नान का अविस्कार किया। वही एडोल्फ जुस्ट ने मालिश वह मिट्टी के ऊपर बहुत से प्रयोग किए। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा की पुस्तक रिटर्न टू नेचर लिखी जिसे पढ़कर महात्मा गांधी जी काफी प्रभावित हुए और भारत में उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा का आरंभ कर दिया। 1946 में उरूली कांचन मैं गांधी जी द्वारा पहले प्राकृतिक चिकित्सालय की स्थापना हुई और 567 मरीज उस समय देखे गए, और उन्होंने राम नाम छठा तत्व प्राकृतिक चिकित्सा मैं जोड़ा, तथा राम नाम, आरोग्य की कुंजी, कुदरती उपचार नामक पुस्तक लिखी। इस प्रकार भारत में एक बार फिर से प्राकृतिक चिकित्सा का आरंभ हुआ और तब से निरंतर प्राकृतिक चिकित्सा में नई नई खोजें हो रही हैं और अन्य बहुत सी चिकित्सायें प्राकृतिक चिकित्सा में जुड़ गई, जिनमें दवाइयों का प्रयोग व रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता है। जैसे एक्यूप्रेशर, योग, प्रणायाम, ध्यान, बहुत सी साधनायें, रेकी चिकित्सा, विभिन्न हिलिंग चिकित्सायें, तंत्र मंत्र चिकित्सा, आदि लगभग 150  चिकित्सायें आज प्राकृतिक चिकित्सा के साथ प्रयोग की जा रही हैं। और निरंतर नए-नए प्रयोग होते जा रहे हैं। इस प्रकार आज एक विशाल रूप में प्राकृतिक चिकित्सा अपना  मुख्य अस्तित्व बना चुकी है।


 Kalpant Healing Center
Dr J.P Verma (Swami Jagteswer Anand Ji)
(Md-Acu, BPT, C.Y.Ed, Reiki Grand Master, NDDY & Md Spiritual Healing)
Physiotherapy, Acupressure, Naturopathy, Yoga, Pranayam, Meditation, Reiki, Spiritual & Cosmic Healing, (Treatment & Training Center)
C53,  Sector 15 Vasundra, Avash Vikash Markit, Near Pani Ki Tanki,  Ghaziabad
Mob-: 9958502499 

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