Sunday, 11 February 2018

फल और सब्जियों के द्वारा रोगों की चिकित्सा :


फल और सब्जियों के द्वारा रोगों की चिकित्सा :
          मनुष्य की शारीरिक रचना शाकाहारी है। मानव का आमाशय तथा पाचनतंत्र, मांस और अन्य जटिल पदार्थों के लिए नहीं है। यही कारण है कि हमें आधुनिक खान-पान में गरिष्ठ भोजन और मांस जैसे जटिल पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। पेट तथा आंतों से संबंधित असंतुलन के कारण ही अन्य अनेक प्रकार के विकार हमारे शरीर में उत्पन्न होते हैं। जिसके कारण हमारा शरीर रोगों से ग्रस्त हो जाता है। बीमारी के बढ़ जाने पर फल, फूल, सब्जी और जड़ का रस निकालकर अथवा कच्चा ही खाने को चिकित्सक द्वारा निर्देशित किया जाता है। यहां पर विभिन्न फलों के प्रयोग दिये जा रहे हैं जो निम्नलिखित हैं-
1. अनन्नास : अनन्नास के गूदे को बवासीर के मस्सों पर बांधने अथवा लगाने से लाभ होता है। शरीर में सूजन उत्पन्न होने पर अनन्नास खाना लाभकारी होता है। आंखों में सूजन होने पर अनन्नास का रस 2 बूंद के लगभग आंखों में डालने से लाभ मिलता है। मूत्र संबंधी विभिन्न प्रकार के कष्ट और मूत्राशय की पथरी में अनन्नास का रस दिन में कई बार पीना लाभकारी होता है।
2. सेब : हृदय विकार, जोड़ों का दर्द तथा शारीरिक कमजारी होने पर सेब का सेवन करना लाभकारी होता है। सेब का सेवन करने से मानसिक कमजोरी दूर होती है। सेब खाते समय यह अवश्य ही ध्यान रखना चाहिए कि सेब को छिलके सहित ही खाएं।
3. संतरा : संतरे का रस और शुद्ध शहद को एक समान मात्रा में मिलाकर आंखों में डालने से आंखों के सभी रोगों में लाभ मिलता है। हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को संतरे की छिली हुई फांकों को आंवले के साथ खिलाना लाभकारी होता है।
4. अखरोट : अखरोट का तेल दाद को नष्ट कर देता है तथा सर्दी से उत्पन्न दर्द में भी लाभकारी होता है। लकवे के रोगियों की नाक में अखरोट के तेल की बूंदे दिन में कई बार आंखों में डालना लाभकारी होता है। अखरोट के छिलके पीसकर दांतों पर मालिश करने से पायरिया और मसूढ़ों के रोग नष्ट होते हैं।
5. अनार : अनार के सेवन से पेट के विकार दूर होते है तथा रक्त भी शुद्व होता है। यह मुहांसों को दूर करता है तथा जिगर के रोगों को मिटाता है। अनार का रस रातभर लोहे के बर्तन में रखकर सुबह के समय नियमित रूप से कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से पीलिया भी नष्ट हो जाता है।
6. नींबू : शहद के साथ सुबह के समय खाली पेट नींबू का रस पीने से पेट साफ रहता है तथा मोटापा कम होता है। यह हृदय और पित्ताशय के रोगों में भी लाभकारी होता है। गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से जुकाम नष्ट हो जाता है। नींबू के छिलके रात्रि में सोते समय मुंह पर रगड़ने से त्वचा साफ हो जाती है और सौंदर्य में वृद्धि होती है।
7. आंवला : आंवले का सेवन करने से खांसी, बवासीर, रक्तविकार, गुप्त रोग, मूत्ररोग, उल्टी, खुश्की आदि दूर होते है। आंवला मुख्य रूप से हृदय रोगों में बहुत ही लाभकारी होता है। आंवले को सब्जी के रूप में कच्चा तथा मुरब्बा बनाकर सेवन किया जा सकता है।
8. अमरूद : अमरूद का सेवन पेट, आंतों और रक्तविकार को नष्ट करने के लिए अधिक उपयोगी होता है। प्रतिदिन बीज सहित अमरूद खाने से कब्ज तथा पेट साफ हो जाता है। भांग, चरस, गांजे का नशा उतारने के लिए अमरूद का प्रयोग किया जाता है। अमरूद के पत्ते दांतों, मुख, और मसूढ़े के रोगों को ठीक करते हैं। अमरूद को चबाकर खाना चाहिए। पागलपन तथा अस्थिर दिमागी हालत में रातभर पानी में रखा अमरूद खाने से कुछ ही सप्ताह में लाभ मिलता है।
9. अंगूर : छोटे बच्चे का कब्ज दूर करने के लिए अंगूर का रस एक चम्मच की मात्रा में पिलाया जाता है। सुबह-शाम बच्चों को अंगूर का रस अवश्य पिलाना चाहिए। इस प्रयोग से बच्चे के दांत बिना किसी परेशानी के आसानी से निकल आते है। दिल घबराने पर अंगूर के रस का सेवन करने से तुरंत लाभ मिलता है। सूखे अंगूर और मुनक्का को दूध में उबालकर पीने से कब्ज दूर हो जाती है। इसके साथ पुरुष की कामशक्ति भी बढ़ती है।
10. आम : रक्त विकार, पेट के रोग, तथा नपुंसकता में  आम के सेवन से लाभ होता है। इसे कच्चा अचार, अथवा मुरब्बे के रूप में, दूध के साथ खाने पर लाभ मिलता है।
11. केला : दही के साथ केला खाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं और पेट की पाचनशक्ति भी ठीक हो जाती है। कच्चे केले को उबालकर खाने से कब्ज नष्ट हो जाती है।
12. खजूर : खजूर के फल का सेवन करने से हमारे शरीर में रक्त की कमी दूर हो जाती है। यदि सेक्स शक्ति और पाचनशक्ति बढ़ानी है तो इसे दूध के साथ सेवन करना चाहिए।
13. जामुन : जामुन की गुठली का गूदा 10 की मात्रा में और अफीम की 1 ग्राम मात्रा को मिलाकर पानी के छींटे देकर सरसों जितने आकार की गोलियां बनाकर सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से डायबिटीज (मधुमेह) में लाभ होता है। जामुन का सिरका तिल्ली और लीवर तथा पेट की बीमारियों को भी ठीक करता है।
सब्जियों के कुछ चिकित्सीय प्रयोग
1. लहसुन को पीसकर सिर पर लगाने से माइग्रेन (आधे सिर का दर्द) का दर्द दूर होता है। इसे पीसकर बिच्छू के डंक लगे हुए स्थान पर लगाने से बिच्छू का जहर शीघ्र ही उतर जाता है।
2. प्रतिदिन आधा किलो गाजर का रस पीने से पेट के कीड़े मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
3. प्रातकाल के समय 10 बादाम खाकर 250 मिलीलीटर गाजर का रस एक गिलास की मात्रा में पीने से दिमागी शक्ति बढ़ती है।
4. मूली का रस पानी के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से तथा उसके साथ सेंधानमक डालकर गरारे करने से गले के भीतर के घाव दूर हो जाते हैं।
5. बथुए के पत्ते को सफेद दागों पर रगड़ने और रोटी के साथ खाने से सफेद दाग नष्ट हो जाते हैं।
6. पोदीने को एल्कोहल के साथ पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे, झाईयां तथा आंखों के नीचे के काले घेरे नष्ट हो जाते हैं और चेहरा आकर्षक हो जाता है।
मसालों के कुछ चिकित्सीय प्रयोग
           मसालों के गुणों का भी वनस्पतियों चिकित्सा में उपयोग किया जाता है।
1. सेंधानमक का एक छोटा सा टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से खांसी तेज हो जाती है तथा सीने में जमा हुआ कफ खांसी के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है।
2. सेंधानमक को बारीक पीसकर तथा कपड़े से छानकर आंख में लगाने से आंख की खुजली, जाला तथा धुन्ध में लाभ मिलता है।
3. गले के सभी रोगों में गर्म पानी में सेंधानमक डालकर सेवन करने से लाभ मिलता है।
4. पानी में नमक को मिलाकर स्नान करने से स्नायु की कमजोरी में लाभ मिलता है।
5. सिरदर्द से पीड़ित होने पर पिसे हुए नमक को जीभ से चाटकर पानी पीने से दर्द समाप्त हो जाता है।
6. सर्दी और जुकाम से पीड़ित होने के बाद अदरक की चाय पीने से आराम आता है।
7. स्वर भंग (गला बैठना) में अदरक के साथ नमक का सेवन करना चाहिए। इसके प्रयोग से कब्ज और गैस में भी लाभ मिलता है।
8. पिसी हुई हल्दी को लगाने से खून का बहना बंद हो जाता है। घाव को साफ करने के बाद हल्दी को जख्म में भर देते हैं। भीतरी चोट तथा सूजन होने पर दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर पीने से तुरंत ही लाभ मिलता है। हल्के गर्म पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर तीन दिनों तक सुबह-शाम नियमित रूप से पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। 
Kalpant Healing Center
Dr J.P Verma (Swami Jagteswer Anand Ji)
(Md-Acu, BPT, C.Y.Ed, Reiki Grand Master, NDDY & Md Spiritual Healing)
Physiotherapy, Acupressure, Naturopathy, Yoga, Pranayam, Meditation, Reiki, Spiritual & Cosmic Healing, (Treatment & Training Center)
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