Tuesday, 8 August 2023

क्या आप शरीर में अनचाही गांठों से हैं परेशान? जानिए आयुर्वेदिक उपाय एवं योग प्राणायाम

 क्या आप शरीर में अनचाही गांठों से हैं परेशान?  जानिए आयुर्वेदिक उपाय एवं योग प्राणायाम

गांठ रिश्तों में हो या फिर शरीर में दोनों को ही सेहत के लिहाज से ठीक नहीं माना जाता। रिश्तों में पड़ी गांठ सुकून छीन लेती है तो वहीं शरीर की गांठ से जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। अगर बात इंसानी शरीर में हो रहे छोटे-मोटे बदलाव की करें तो हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसे बदलाव बड़ी बीमारी का सिग्नल भी हो सकते हैं। यदि आपने नजरअंदाज किया तो आपकी जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। आपको बता दें कि यह गांठ आगे चलकर कैंसर आदि जानलेवा बीमारी का कारण बन सकती है। 

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दरअसल स्किन के अंदर बनने वाली कुछ गांठों से तो मन में डर भी आता है कि कहीं ये गांठ कैंसर तो नहीं? कई बार ये गांठें कैंसर भी होती हैं। लेकिन ऐसे मामले 1% से भी कम हैं। ज्यादातर गांठें नॉर्मल फैट का गोला होती है। जिसमें न तो दर्द होता है और न ही ये फैलती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज़, ओबेसिटी, लेस फिजिकल ऐक्टिविटी गांठें बनने की बड़ी वजह हैं। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। इस समस्या से हमेशा के लिए निजात पाना चाहते है तो यह योगाभ्यास और आयुर्वेदिक उपचार से डिसोल्व हो सकती है।

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गांठ हमारे शरीर में बनती है जब बॉडी मेटाबॉलिज्म सिस्टम कमजोर हो जाता है। जिसके कारण फैट डिपोजिट हो जाता है और यहीं चर्बी शरीर में गांठ के रूप में बन जाती है। कई बार ये गांठ एक ही जगह पर इकट्ठी हो जाती है या फिर शरीर के विभिन्न भागों में एकत्र हो जाती है। कई बार आगे चलकर ये गांठे कैंसर का कारण बन जाती है। डायबिटीज, फैमिली हिस्ट्री, मेटाबॉलिक, कोलेस्ट्रॉल गांठ का कारण हो सकता है, गर्दन, कंधे, हाथ, कमर, पेट पर होती है। गांठ में ज्यादा दर्द नहीं होता है। नस पर दबाव से हल्का दर्द हो सकता है। ज्यादातर 1.2 इंच से बड़ी नहीं होती। गांठ को अनदेखा न करें अगर उम्र 40 साल से ज्यादा है अगर गांठ लगातार बढ़ रही है गांठ 1.2 इंच से बड़ी है अगर गांठ बहुत सख्त है गांठ के साथ दूसरे लक्षण भी हैं तो डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें 

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शरीर की गांठ के लिए योग व प्राणायाम- शरीर की अंदर पड़ी गांठों के लिए योगाभ्यास व प्राणायाम फायदेमंद होगा। 1. कपालभाति- इस प्राणायाम को 10 से 15 मिनट से शुरू करके आधा घंटा तक करें। इससे 1 माह के अंदर गांठ खत्म हो जाती है। 2. अनुलोम-विलोम- कपालभाति से आधा समय अनुलोम-विलोम करने से शरीर में एनर्जी का फ्लो बढ़ता है। जिससे गांठ को पिघलने में मदद मिलती है। अगर आप 30 मिनट कपालभाति करते है तो 15 मिनट अनुलोम विलोम करें।

3. सूर्य नमस्कार- इस योगाभ्यास को करने से  शरीर को ऊर्जा मिलती है। जिससे कैंसर की गांठ को पिघलने में मदद मिलती है। जिस तरह कैंसर के लिए कीमोथेरेपी दी जाती है वैसे ही सूर्य नमस्कार एक नैचुरल थेरेपी है। इसे करके आसानी से गांठों से निजात पाई जा सकती है।  

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आयुर्वेदिक उपाय- 1. रोजाना खाली पेट सुबह और शाम 2 ग्राम ताजी हल्दी खाएं। इससे गांठ घुलने शुरू हो जाती है। 

2. कचनार की ताजी छाल 25-30 ग्राम (सुखी छाल 15 ग्राम ) को मोटा मोटा कूट ले। 1 गिलास पानी मे उबाले। जब 2 मिनट उबल जाए तब इसमे 1 चम्मच गोरखमुंडी (मोटी कुटी या पीसी हुई ) डाले। इसे 1 मिनट तक उबलने दे। छान ले। हल्का गरम रह जाए तब पी ले। ध्यान दे यह कड़वा है परंतु चमत्कारी है। गांठ कैसी ही हो, प्रोस्टेट बढ़ी हुई हो, जांघ के पास की गांठ हो, काँख की गांठ हो गले के बाहर की गांठ हो , गर्भाशय की गांठ हो, स्त्री पुरुष के स्तनो मे गांठ हो या टॉन्सिल हो, गले मे थायराइड ग्लैण्ड बढ़ गई हो फैट की गांठ हो लाभ जरूर करती है। कभी भी असफल नहीं होती। अधिक लाभ के लिए दिन मे 2 बार ले। लंबे समय तक लेने से ही लाभ होगा। 20-25 दिन तक कोई लाभ नहीं होगा निराश होकर बीच मे न छोड़े।

3. अगर शरीर में बहुत अधिक गांठे है तो शिला सिंदूर 4 ग्राम, प्रभाल पिष्टी 10 ग्राम  के साथ मोती और गिलोय मिलाकर सात पूड़िया बना लें। इसे सुबह-शाम खिलाएं। इससे 99 प्रतिशत तक गांठ से निजात मिल जाता है। एक से 3 माह में लाभ मिल जाता है। 4. जिसको बार-बार गांठ हो जाती है वो इस क्रम को खत्म करने के लिए उसको अपनी एनर्जी को जगाना होगा। इसके लिए रोजाना कपालभाति, अनुलोम- विलोम करें।

5. घी देना बंद कर दें। इसके साथ ही लौ फैट दूध के साथ 2 ग्राम हल्दी डालकर दें। इससे 40 दिन में लाभ मिल जाएगा।

6. कचनार 10 ग्राम,  बहेड़ा और त्रिकूटा 20-20 ग्राम लेकर 1 ग्राम शहद के साथ चटा दें। इससे 1 माह में लाभ मिल जाएगा। इस प्रकार आप किसी भी प्रकार की शरीर में अनचाही गांठों से मुक्ति पा सकते है। 





Monday, 7 August 2023

बीमारियों की रामबाण दवा है तुरई Kalpant Healing Center & Jagteswer Anand Dham

 बीमारियों की रामबाण दवा है तुरई


सेहतमंद रहने के लिए हरी सब्जियां खाने की सलाह सभी डॉक्‍टर देते हैं। तुरई खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, वास्तव में, यह एक स्वास्थ्यप्रद फल है जिसमें कई पोषणतत्व, विटामिन, और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो आपके शारीर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। तुरई में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन क, फोलिक एसिड, पोटैशियम, और अन्य पोषणतत्व पाए जाते हैं, जो आपके शारीर के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। यह आपकी पाचन प्रक्रिया को सहायक हो सकता है, आपकी आंतों की साफ-सफाई में मदद कर सकता है, और आपके त्वचा की सेहत को बेहतर बना सकता है।

ताजा हरी सब्जियों की उचित मात्रा आहार में शामिल करने से शरीर में ब्‍लड का निर्माण होता हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं। शरीर को रोगों से लड़ने के लिए हमारे ब्‍लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा अच्‍छी होनी चाहिए। रक्त और हीमोग्लोबिन की मात्रा सही रखने के लिए हरी सब्जियों में तुरई से बढ़कर कुछ भी नहीं है।

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गर्मियों में हरी सब्जियों की जरूरत अन्य मौसमों की तुलना में अधिक होती है क्योंकि गर्मी के दिनों में हमारे शरीर से पसीना और नमक निकलता रहना है इस वजह से रक्त की कमी भी अन्य मौसम की तुलना में ज्यादा हो सकती है। तुरई की सब्जी पचने में आसान होती है इसलिए अस्वस्थ व बीमार लोगों के लिए भी यह काफी फायदेमंद होती है। तो आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में...

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1. डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद- तुरई ब्‍लड और यूरीन दोनों में शुगर के स्‍तर को कम करने में मदद करती है। इसलिए यह डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है। तुरई में इन्सुलिन की तरह पेप्टाईड्स पाए जाते हैं। इसलिए इसे डायबिटीज नियंत्रण के लिए एक अच्छे उपाय के तौर पर देखा जाता है। इसलिए सब्जी के तौर पर इसके इस्तेमाल से डायबिटीज में फायदा होता है।

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२. वजन कम करने में सहायक- तुरई में लगभग 95 प्रतिशत पानी और केवल 25 प्रतिशत कैलोरी होती है। जिससे वजन नहीं बढ़ता। इसमें संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल की भी बहुत ही सीमित मात्रा होती है जो वजन कम करने में सहायक होती है।

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3. त्‍वचा संबंधी रोगों में लाभकारी- यह मुंहासे, एक्जिमा, सोरायसिस और अन्य त्वचा संबंधी रोगों के उपचार में सहायक होती है। कुष्ठ रोग में भी तुरई उपयोगी होती है। तुरई की सब्जी खाने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। इसके सेवन से रक्‍त शुद्ध होता है जिससे त्‍वचा संबंधी रोगों से राहत मिलती है ।

4. आंखों की रोशनी बढ़ाये- तुरई में बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो नेत्र दृष्टि बढ़ाने में मदद करता है। अगर आप अपनी आंखों की रोशनी बढ़ाना चाहते हैं तो अपने आहार में तुरई को शामिल करें ।

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5. लिवर के लिए गुणकारी- लगातार तुरई का सेवन करना सेहत के लिए बेहद हितकर होता है। तुरई रक्त शुद्धिकरण के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। साथ ही यह लिवर के लिए भी गुणकारी होता है। साथ ही पीलिया होने पर अगर रोगी की नाक में 2 बूंद तोरई के फल का रस डाल दें, तो नाक से पीले रंग का द्रव बाहर निकलता है। जिससे पीलिया रोग जल्दी समाप्त हो जाता है।

6. बालों को काला करने में मददगार- बालों को काला करने में भी तुरई बहुत फायदेमंद होती है। इसके लिए तुरई के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर छांव में सूखा लें। फिर इन सूखे टुकड़ों को नारियल के तेल में मिलाकर 5 दिन तक रख लें। बाद में इसे गर्म कर लें। इस तेल को छानकर प्रतिदिन बालों पर लगाकर मालिश करें, इससे उपाय को अपनाने से आपके बाल धीरे-धीरे काले होने लगेगें।

७. अन्‍य लाभ- इसका नियमित प्रयोग करने से कब्ज नहीं होता और पेट भी साफ रहता है। इसके अलावा तुरई पित्त, सांस संबंधी रोगों, बुखार, खांसी और पेट के कीड़ों को दूर करने में लाभकारी है। अत: आज से ही खाने में तुरई के प्रयोग को शुरू करे.



Thursday, 3 August 2023

एक दिन में आयी हुई आँखों को केसे ठीक कर सकते है

 एक दिन में आयी हुई आँखों को केसे ठीक कर सकते है 

आँख आने का मतलब है आँखों में खुजली, लालिमा, सुजान, या दर्द आदि। ऐसी स्थिति में आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए



आँख आने पर पहले चीज यह है कि आप अपनी आँखों को आराम दें। आँखों को अतिरिक्त तनाव से बचाये

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आँखों को अतिरिक्त तनाव से बचाने के लिए दिन में कम से कम चार बार आँखों को ठंडे पानी से धोएं एवं ठंडे पानी से कुल्ला करने से मदद मिलती है।

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जब आपकी आँख आती है, तो आपको उन्हें हाथ से नहीं छूना चाहिए, क्योंकि यह आँखों की संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है।

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आँखों की सेहत के लिए सही पौष्टिक आहार भी महत्वपूर्ण है। आपने आहार में विटामिन ए, सी, ई, के साथ-साथ मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार शामिल करने का प्रयास करें। 

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आँखों के लिए सबसे सुरक्षित और घरेलू ड्रॉप अगर कोई है तो वो है गुलाब जल (Rose Water) यह एक नेचुरल क्लींजर है जिससे कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. गुलाब की पंखुड़ियों और बाकी हिस्सों में फ्लेवोनॉयड और टर्पनीज होता है. इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी या एंटी डिप्रेसेंट गुण होता है, जिसे आंखों में लगाने से तुरत आंखों को आराम महसूस होता है. अक्सर एलर्जी की वजह से आंखें लाल हो जाती है, ऐसे में इरिटेशन और एलर्जी को कम करने के लिए आप गुलाब जल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें मौजूद anti-inflammatory गुण आंखों को राहत पहुंचाता है और रेडनेस दूर हो जाती है. आप गुलाब जल को आई वॉश के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.जो लोग लंबे समय का कंप्यूटर पर काम करते हैं, वो अपनी आंखों से थकान मिटाने के लिए गुलाब जल से आंख धो लेते हैं, जिस कारण आंखों को काफी रिलैक्स और आराम मिलता है. कई बार आंखों में कुछ डस्ट पार्टिकल्स चले जाते हैं जो निकलने में काफी मुश्किल होता है ऐसे में आप पर गुलाबजल की कुछ बूंदें डालें, इससे आंखों से गंदगी बाहर निकल जायेगी.


आंखों को राहत पहुंचाने के लिए आप गुलाब जल को कुछ देर के लिए रेफ्रिजरेट कर सकते हैं, इसके बाद लेटकर आंखों में प्रत्येक घंटे पर गुलाब जल की कुछ बूंदे डालें

आप ऐसा भी कर सकते हैं कि गुलाब जल में दो कॉटन पैड डुबाएं, जिन्हें जिप लॉक बैग में रख  दें और इसे 10 मिनट के लिए रेफ्रिजरेट कर दें. इस ठंडे कॉटन  पैड को कुछ देर के लिए अपनी आंखों पर लगाएं, जिससे जलन में राहत मिलेगी.

इसप्रकार आप एक दिन में आयी हुई आँखों को ठीक कर सकते है 


कृपया ध्यान दें कि यह सलाह केवल सामान्य जानकारी के रूप में है और यदि आपकी स्थिति गंभीर है, तो आपको तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

Monday, 31 July 2023

कमर में दर्द के घरेलू उपाय

 ◆ कमर में दर्द के घरेलू उपाय ◆



यदि दर्द लंबे समय तक जारी रहता है , समय-समय पर बढ़ता है, बार-बार होता है या बहुत गंभीर होता है, तो आपको एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।कमर में दर्द एक आम समस्या है और कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि मांसपेशियों में खिचाव, कमर की हड्डी में कमी, पीठ की संरचना में असामान्यता, खाँसी या सर्दी, पेट की समस्याएँ, गलत बैठने की वजह से मांसपेशियों में दबाव, पीठ के अंगों में चोट, रीढ़ की हड्डी के परतों के संदर्भ में समस्या, मासिक धर्म या गर्भावस्था से संबंधित कारण आदि। उठने-बैठनेें में कष्ट, सुबह उठने पर कमर दर्द ज्यादा होना, झुकने पर कमरदर्द का होना इत्यादि प्रमुख लक्षण है।

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यदि दर्द सामान्य है और सामान्य रूप से होता है, तो निम्नलिखित कुछ घरेलू उपाय कमर दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं:


1.आप कुर्सी पर या जमीन पर जब भी बैठे, सीधे सतर्क ही बैठें। सोने के लिए सख्त बिस्तर ही काम में लें।

2. एक चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच लहसुन रस, दो चम्मच पानी सब मिलाकर दिन में दो बार पिये। कमर दर्द ठीक होगा।

3 सरसों का तेल सौ ग्राम देशी कपूर बीस ग्राम दोनों मिलाकर शीशी में भर दें कपूर गलने पर उस तेल की मालिश करें।

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4. अदरक के रस में घी मिलाकर पिये कमर दर्द ठीक होगा।

5. मिट्टी के तेल से कमर पर रात को मालिश करें। दर्द ठीक होगा।

6. रात में 60 ग्राम गेहूं के दाने पानी में भिगो दें। सुबह गेहूं के भीगे हुए इन दानों के साथ 30 ग्राम खसखस तथा 30 ग्राम धनिये की मींगी मिलाकर बारीक पीस लें। इस चटनी को दूध में पका लें और खीर बना लें। इसको अपनी आवश्यकतानुसार 10 -15 दिन तक खाने से कमर दर्द दूर होकर ताकत बढ़ती है। इससे पाचन शक्ति की कमजोरी भी मिटती है।

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7. अजवायन को किसी साफ वस्त्र में लेकर उसकी पोटली बनाकर तवे पर गर्म करें तथा कमर पर उसका सेंक दें।

8. एक किलो सरसों के तेल में 250 ग्राम लहसुन की कली डालकर आग पर तब तक गर्म करें, जब तक कि लहसुन जल न जाए। इस तेल को छानकर शीशी में भर लें और दिन में दो बार मालिश करें। कमर का दर्द ठीक होगा।

9. आराम करें: दर्द के समय आपको आराम करना बहुत महत्वपूर्ण है।

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10. गर्म अदरक और लहसुन को अच्छी तरह पीसकर उसका लेप कमर के दर्द वाले हिस्से पर लगाएं। इससे दर्द कम हो सकता है।

11. ज्यादा समय तक स्टैंडिंग या बैठे रहने से भी कमर में दर्द हो सकता है। बैठने और खड़े होने के बीच थोड़ा पैदल चलने से आराम मिल सकता है।

१२. कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए ध्यान से योग अभ्यास करें। योग के अभ्यास किसी योग टीचर से सीखकर करे, सही योगाभ्यास कमर दर्द में राहत दिलाते हैं।

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१३. जब भी बेड पर से उठते हैं, ध्यान देकर उठें, सीधे पैरों पर खड़े होने से पहले धीरे-धीरे ऊपर उठें। ज़ोरदार झटके से उठने से बचें।

१४. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर के तारों को सुचारू रूप से रखता है।

मोटापा कम करने के 5 तरीके

 मोटापा कम करने के 5 तरीके

मोटापा कम करने के लिए निम्नलिखित पाँच तरीके आपकी मदद कर सकते हैं:

  1. स्वस्थ आहार: स्वस्थ और नियंत्रित आहार लेना मोटापा कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। अपने भोजन में सब्जियां, फल, पूरे अनाज, दालें, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। तला हुआ, मिठा और प्रोसेस्ड फूड से बचें। खाने के समय के बीच में स्नैक्स खाने की जगह ठंडा पानी, फल, या संग्रहीत धनिया-पुदीना पानी का उपयोग करें


  2. नियमित व्यायाम: रोजाना व्यायाम करना मोटापा कम करने में मदद करता है। यह आपके शरीर के अतिरिक्त कैलोरी को जलाने में मदद करता है और साथ ही आपके हृदय और शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। आप योग, जिम, धीरे-धीरे दौड़ने, या किसी भी दैनिक व्यायाम विधि को चुन सकते हैं।
  3. नींद का पूरा करें: अपर्याप्त नींद आपके घर्मणशील हार्मोन को बढ़ा सकती है और मोटापे को बढ़ा सकती है। नियमित और पर्याप्त समय तक सोने का प्रयास करें, यानी रात में 7-9 घंटे की नींद लें।

  4. स्ट्रेस को कम करें: तनाव और तनाव मोटापे को बढ़ा सकते हैं। योग, मेडिटेशन, ध्यान और शारीरिक शांति तकनीकें स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, समय-समय पर मनोरंजन का समय निकालना भी महत्वपूर्ण है।


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  6. अधिक पानी पिएं: पानी पेट भरने की भावना देता है और भोजन की मात्रा को कम करता है, जिससे आपको भोजन में कम खाने की इच्छा होती है। यह अतिरिक्त कैलोरी का सेवन रोकने में मदद करता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।

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ध्यान दें कि मोटापे को कम करने के लिए धैर्य और संयम बहुत महत्वपूर्ण हैं। अबोध और तेजी से घटाने की कोशिशें आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती हैं, इसलिए धीरे-धीरे प्रक्रिया को अपनाएं और स्थिर रहें। सर्दियों में भी विशेष ध्यान दें क्योंकि इस समय शरीर की उचित गरमाहट के बिना व्यायाम करना बेहद महत्वपूर्ण है।

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